सोनभद्र
नगवां ब्लाक के चेरूई चौकी क्षेत्र स्थित ओम पर्वत पर मंगलेश्वर महादेव का मंदिर आस्था का प्रतीक है तो वहीं यहां की ऊंची पहाड़ी रहस्य के साथ ही रोमांच भी पैदा करती हैं।
जिला मुख्यालय से दक्षिण करीब चालीस किमी की दूरी पर 1850 फीट की ऊंचाई पर स्थित पहाड़ को ओम पर्वत कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि सृजन का केंद्र ईशानकोणीय ओम पर्वत है, जहां से प्रकृति की हर संरचना को सहजता से देखा जा सकता है। यह पर्वत एक तरफ से ओम, दूसरी तरफ से त्रिशूल, तीसरी तरफ से त्रिकोण और नीचे यानी चौथी तरफ देखने पर शेष नाग की आकृति में दिखता है। माना जाता है है कि यहां मारकंडे ऋषि से लेकर कई ऋषि मुनियों ने साधना किया व बाबा कीनाराम द्वारा पूजित शिव¨लग यहां मंगलेश्वर के नाम से अवस्थित है। यहां से सूर्य व चंद्रमा ग्रह नक्षत्रों के अनुसार उगते और अस्त होते समभाव में मिलते व सूर्य के प्रकाश से चंद्रमा को प्रकाशित होते देखा जाता है। यहां पहाड़ी से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड के भू-भाग को देखा जा सकता है।
ओम पर्वत से आपको अलग-अलग तस्वीर नजर आएगी।
मैंने बहुत सी तस्वीरें अपने कैमरे व फोन की सहायता से खींची हैँ उन्हें एक बार अवश्य देखें.तस्वीर से संबंधित तथ्य लेख रबी प्रकाश चौबे, माला चौबे, आशीष उपाध्याय जी के द्वारा जागरण समाचार में प्रकासित.
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