स्थापना | अक्टूबर 8, 1932 |
---|---|
देश | ![]() |
प्रकार | वायुसेना |
भूमिका | हवाई युद्ध |
विशालता | १३९,५७६ सक्रिय सैनिक[1] लगभग १७२० से अधिक विमान[2][3] |
का भाग | भारतीय सशस्त्र सेनाएँ |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
आदर्श वाक्य | नभः स्पृशं दीप्तम् (Sanskrit) IAST: Nabhaḥ Spr̥śaṁ Dīptam (आकाश को स्पर्श करने वाले देदीप्यमान)[4][5] |
रंग | गहरा नीला, हलका नीला और सफेद |
वर्षगांठ | वायु सेना दिवस: 8 अक्टूबर[6] |
युद्ध के समय प्रयोग | |
जालस्थल | indianairforce.nic.in |
सेनापति | |
वायुसेनाध्यक्ष (सीएएस) | एयर चीफ़ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम, एडीसी |
वायु सेना के उपसेनापति (वीसीएएस) | एयर मार्शल [[prince saini ]], पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम,[7] |
प्रसिद्ध सेनापति | वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह एयर चीफ़ मार्शल प्रताप चंद्र लाल एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।[8] उद्देश्यसंपादित करें![]() पिछले कुछ वर्षों में भारतीय वायुसेना का विकास: 1) 1933-1941 2)1942-1945 3) 1947-1950 4) 1950 से वर्तमान[9] भारतीय वायुसेना के मिशन, सशस्त्र बल अधिनियम 1947 के द्वारा परिभाषित किया गया है भारत के संविधान और सेना अधिनियम 1950, हवाई युद्धक्षेत्र में: "भारत और सहित हर भाग की रक्षा, उसके बचाव के लिए तैयारी और ऐसे सभी कृत्यों के रूप में अपनी अभियोजन पक्ष और इसके प्रभावी वियोजन को समाप्ति के बाद युद्ध के समय में अनुकूल किया जा सकता है।" इस प्रकार, भारतीय वायु सेना के सभी खतरों से भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करना, सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ संयोजन के रूप में भारतीय क्षेत्र और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा प्राथमिक उद्देश्य है। भारतीय वायु सेना युद्ध के मैदान में, भारतीय सेना के सैनिकों को हवाई समर्थन तथा सामरिक और रणनीतिक एयरलिफ्ट करने की क्षमता प्रदान करता है। भारतीय वायु सेना एकीकृत अंतरिक्ष प्रकोष्ठ के साथ दो अन्य शाखाओं भारतीय सशस्त्र बल, अंतरिक्ष विभाग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अंतरिक्ष आधारित संपत्तियों के उपयोग प्रभावी ढंग से करने के लिए, सैनिक दृष्टि से इस संपत्ति पर ध्यान देंता है भारतीय वायु सेना भारतीय सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं के साथ साथ आपदा राहत कार्यक्रमो में प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री गिराने, खोज एवं बचाव अभियानों, आपदा क्षेत्रों में नागरिक निकासी उपक्रम में सहायता प्रदान करता है। भारतीय वायु सेना ने 2004 में सुनामी तथा 1998 में गुजरात चक्रवात के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए राहत आपरेशनों के रूप में व्यापक सहायता प्रदान की। भारतीय वायु सेना अन्य देशों की राहत कार्यक्रमों में भी सहायता प्रदान करता है, जैसा की उसने ऑपरेशन रेनबो (Rainbow) के रूप में श्रीलंका में किया। अधिकारी जानकारी हेतु लिंक पर जाएँ https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A4%BE |
"नभःस्पृशं दीप्तम्"
शौर्य, समर्पण, दक्षता एवं पराक्रम का प्रतीक, नभ प्रहरी, शत्रु नाशक, राष्ट्र रक्षक Indian Air Force के समस्त वायु वीरों को "भारतीय वायु सेना दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं।
भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया।
Comments
Post a Comment