यूपी बोर्ड की परीक्षा से पहले पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में जुटी राज्य सरकार ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया एक दिसंबर से प्रारंभ करेगी। दिसंबर माह के अंत तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। आंशिक परिसीमन ऐसे 49 जिलों में होगा जिनमें नगर पंचायत, पालिका परिषद या नगर निगम का विस्तार हुआ है। एक जनवरी 2016 के बाद से इन जिलों के नगरीय निकायों में अनेक गांव शामिल हो गए हैं।
हर जनगणना के बाद प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन होता है। वर्ष 2011 की जनगणना के बाद 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे। तब बड़े स्तर पर परिसीमन हुआ था। तत्कालीन सरकार गोंडा, संभल, मुरादाबाद व गौतम बुद्ध नगर में परिसीमन नहीं करा पाई थी। इन चारों जिलों में 9 नवंबर से परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। इन जिलों में 7 से 13 दिसंबर के बीच ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन कर निदेशालय स्तर से अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। एक दिसंबर से उन 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी जिनके कुछ गांव किसी नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद या नगर निगम में शामिल हो गए हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इन जिलों में ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) में आंशिक परिवर्तन किया जाना है। यह प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि 27 अक्तूबर के निर्देशों के क्रम में ग्राम पंचायतों का आंशिक परिसीमन का पूरा कर लिया है। अब अगले चरण में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 2015 के शासनादेश के अनुसार अक्षरश: त्रिस्तरीय वार्डों का पुनर्गठन (परिसीमन) किया जाएगा।
हर जनगणना के बाद प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन होता है। वर्ष 2011 की जनगणना के बाद 2015 में पंचायत चुनाव हुए थे। तब बड़े स्तर पर परिसीमन हुआ था। तत्कालीन सरकार गोंडा, संभल, मुरादाबाद व गौतम बुद्ध नगर में परिसीमन नहीं करा पाई थी। इन चारों जिलों में 9 नवंबर से परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है। इन जिलों में 7 से 13 दिसंबर के बीच ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन कर निदेशालय स्तर से अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। एक दिसंबर से उन 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी जिनके कुछ गांव किसी नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद या नगर निगम में शामिल हो गए हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इन जिलों में ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) में आंशिक परिवर्तन किया जाना है। यह प्रक्रिया दिसंबर के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि 27 अक्तूबर के निर्देशों के क्रम में ग्राम पंचायतों का आंशिक परिसीमन का पूरा कर लिया है। अब अगले चरण में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 2015 के शासनादेश के अनुसार अक्षरश: त्रिस्तरीय वार्डों का पुनर्गठन (परिसीमन) किया जाएगा।
डीपीआरओ व जिला पंचायत में कर सकेंगे हैं आपत्ति
त्रिस्तरीय पंचायतों के आंशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के संबंध में ग्राम व क्षेत्र पंचायत से संबंधित आपत्तियां डीपीआरओ कार्यालय में प्राप्त की जाएंगी। जिला पंचायत के वार्डों पर आपत्तियां जिला पंचायत कार्यालय में ली जाएंगी। इनका निराकरण डीएम की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी करेगी। इसमें सीडीओ, डीपीआरओ व जिला पंचायत के एएमए शामिल रहेंगे।
29 दिसंबर से होगा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम प्रकाशन:
ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों की अंतिम सूची का प्रकाशन 29 दिसंबर से 2 जनवरी 2021 के बीच कर दिया जाएगा। इससे पहले 1 से 7 दिसंबर तक ग्राम पंचायतवार जनसंख्या की अवधारणा सुनिश्चित की जाएगी। 8 से 17 दिसंबर तक त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों की प्रस्तावित सूची तैयार की जाएगी। 18 से 22 दिसंबर तक इन पर आपत्ति ली जाएंगी और 23 से 28 दिसंबर तक इनका निस्तारण किया जाएगा।
29 दिसंबर से होगा निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम प्रकाशन:
ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों की अंतिम सूची का प्रकाशन 29 दिसंबर से 2 जनवरी 2021 के बीच कर दिया जाएगा। इससे पहले 1 से 7 दिसंबर तक ग्राम पंचायतवार जनसंख्या की अवधारणा सुनिश्चित की जाएगी। 8 से 17 दिसंबर तक त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों की प्रस्तावित सूची तैयार की जाएगी। 18 से 22 दिसंबर तक इन पर आपत्ति ली जाएंगी और 23 से 28 दिसंबर तक इनका निस्तारण किया जाएगा।
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